आईवीएफ, जिसे विज्ञान में एक शुद्धि की प्रक्रिया कहा जाता है, एक विकेन्द्रीय प्रजनन तकनीक है जिससे बच्चे को जन्म देने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर कितने दिनों में होती है, यह एक परिस्थिति के बारे में निर्भर करता है, लेकिन सामान्यत: 15-20 दिनों का समय लगता है।
आईवीएफ की प्रक्रिया का पहला चरण है डॉक्टर की समीक्षा और जाँच, जिसमें डॉक्टर स्त्री और पुरुष दोनों के लिए साक्षात्कार करते हैं और उनके जीवाणु, रजों, और अन्य आवश्यकताओं की जाँच करते हैं। इसके बाद, स्त्री को गर्भाशय से अंडानुक्रमण के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें एक अंडानुक्रमण की प्रणाली के माध्यम से अंडा और पुरुष के शुक्राणु मिलते हैं।
एक बार जब अंडानुक्रमण संपन्न होता है, तो यह अंडानुक्रमण और उच्चतम गुणवत्ता वाले शुक्राणुओं का चयन करने के लिए लैब में जाता है। इसके बाद, ये अंडानुक्रमण और शुक्राणु एक साथ मिलते हैं तथा प्रयात्नशील रूप से गर्भाधारण के लिए तैयार होते हैं।
इसके पश्चात्, ये तैयार अंडानुक्रमण और शुक्राणु रहते हैं एक विशेष धातु (कूपर) में जिसे गर्भाधारण उपकरण (आईवीएफ उपकरण) कहा जाता है। यह उपकरण मात्र 3-5 दिनों के बाद बच्चे को गर्भाधारण के लिए वापस लागू किया जाता है।
इसके बाद, डॉक्टर गर्भाधारण के संकेतों का मूल्यांकन करते हैं और यदि सब कुछ सामान्य है, तो गर्भाधारण सुरक्षित रूप से प्रारंभ होता है।
समाप्ति रूप से, आईवीएफ का पूरा प्रक्रिया लगभग 15-20 दिनों का समय लेता है, लेकिन इसमें व्यक्तिगत और सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर बदलाव हो सकता है। डॉक्टर की सलाह और समर्थन के साथ, यह प्रक्रिया सफलता के साथ समाप्त हो सकती है और जीवन में एक नई शुरुआत को बढ़ावा देने की क्षमता है।
इसलिए, यदि कोई स्त्री या परिवार आईवीएफ की योजना बना रहा है, तो उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में स्वयं को सूचित करना और डॉक्टर से सलाह लेना उचित है। आईवीएफ कितने दिनों में होता है, यह ज्ञान कुशल डॉक्टर के साथ मिलकर और जीवन को नई राहों में मार्गदर्शन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है।
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